BIHAR PANCHMI
बिहार पंचमी क्यों मनाई जाती है? बिहारी जी प्रकट कैसे हुए थे? इस बार बिहार पंचमी 17 दिसंबर को पड़ रही है। ब्रज क्षेत्र में यह दिन एक त्यौहार के रूप में मनाया जाता है। क्योंकि आज के ही दिन संवत 1567 की माघशीर्ष शुक्ल पंचमी को बांके बिहारी जी प्रकट हुए थे। बिहारी जी के विग्रह को 200 सालों तक निधिवन में ही पूजा जाता रहा। वरिष्ठ साहित्यकार डॉ गोपाल चतुर्वेदी बताते हैं कि जब स्वामी हरिदास सखी भाव से विभोर होकर अपने आराध्य राधा कृष्ण की महिमा का गुणगान करते थे तो वह उनकी गोद में आकर बैठ जाते थे। एक दिन स्वामी जी के शिष्य विट्ठल विपुल ने हरिदास जी से कहा- आप जिन प्रिया प्रियतम का स्वयं दर्शन करके स्वर्गिक आनंद प्राप्त करते हैं उनके साक्षात दर्शन हम लोगों को भी कराइए। स्वामी हरिदास जी ने प्रिया प्रियतम का गाना गाया। माई री सहज जोरी प्रगट भयी, जुरंग की गौर श्याम घन दामिनी जैसे। लगभग पद का गान पूरा होते ही निधिवन में एक लता के नीचे से प्रकाशपुंज प्रकट हुआ। इसमें एक दूसरे का हाथ पकड़े प्रिया प्रियतम प्रकट हुए। ...